
गठन के लिए प्रतिद्वंद्वी पीडीपी से समर्थन लेने पर नहीं कोई आपत्ति - फारूक अब्दुल्ला
journo sagir, October 07, 2024JAMMU KASHMIR : मतगणना से पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पीडीपी का समर्थन लेने के विचार के लिए तैयार है। वहीं उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच आरक्षित सीटों पर सदस्यों को नामित करने के लिए उपराज्यपाल को अधिकार देने के कदम की भी आलोचना की और कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस पर आगे बढ़ती है तो उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
खुद को किया CM की दौड़ से बाहर
अब्दुल्ला ने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए ताकि नई सरकार के पास लोगों की समस्याओं को दूर करने की शक्ति हो।
उन्होंने कहा, "राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए , पूर्ण राज्य का दर्जा, जहां सरकार के पास काम करने का अधिकार हो । मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा । एक बात स्पष्ट होनी चाहिए । मैंने मुख्यमंत्री का काम कर दिया है । मेरी समस्या यह होगी कि हम कैसे एक मजबूत सरकार बना सकते हैं और लोगों के सामने जो एजेंडा हमने रखा है, उसे कैसे पूरा कर सकते हैं।" यह पूछे जाने पर कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन जरूरत पड़ने पर पीडीपी से समर्थन लेगा, अब्दुल्ला ने कहा, "क्यों नहीं?" "इससे क्या फर्क पड़ता है? अगर हम सभी एक ही चीज के लिए काम करते हैं, राज्य के लोगों की स्थिति में सुधार के लिए, बेरोजगारी को दूर करने के लिए, पिछले 10 सालों में हुई सभी परेशानियों को दूर करने के लिए। सबसे पहली चीज जो हमें करनी चाहिए, वह है प्रेस की स्वतंत्रता को बहाल करना । हमें यह कहने का अधिकार होना चाहिए कि क्या सच है और क्या सच नहीं है । हम चुनावों में प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन मुझे कोई आपत्ति नहीं है और मुझे यकीन है कि कांग्रेस को भी कोई आपत्ति नहीं होगी,"
एनसी अध्यक्ष का बयान
वहीं एनसी अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें निर्दलीयों का समर्थन लेने में कोई आपत्ति नहीं है । लेकिन वे इसके लिए भीख नहीं मांगेंगे । उन्होंने कहा, "मैं उनके सामने भीख मांगने नहीं जाऊंगा । अगर उन्हें लगता है कि वे राज्य को मजबूत कर सकते हैं, तो उनका स्वागत है । यह उनकी पहल होनी चाहिए । उन्हें लोगों के लिए अच्छा करना चाहिए ।" पूर्व मुख्यमंत्री ने एलजी को सदस्यों को नामित करने की शक्ति दिए जाने की भी आलोचना की । "सरकार बनने के बाद सबसे पहले एलजी को इस प्रक्रिया से दूर रहना चाहिए । लोगों को नामित करना और उसे एलजी के पास भेजना सरकार का काम है । यह सामान्य प्रक्रिया है । वे क्या करना चाहते हैं, मुझे नहीं पता । हालांकि, अगर वे ऐसा करते हैं (एलजी को अधिकार देते हैं), तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे । अगर भगवान साहब यहां रहते हैं, तो सरकार बनाने का क्या मतलब है? हमें इन सबके खिलाफ लड़ना होगा,"
भाजपा के मंसूबों का नहीं पता
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा । पांच आरक्षित सीटें दो महिलाओं, दो कश्मीरी प्रवासियों और एक पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर के शरणार्थियों के लिए हैं । पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि उनके पास यह जानने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है कि भाजपा इस पर आगे बढ़ेगी या नहीं, लेकिन वे अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे । उन्होंने कहा, "काश मेरे पास कोई जादू की छड़ी होती जिससे मैं जान पाता कि वे ऐसा करेंगे या नहीं। मैं जानता हूं कि उनके इरादे क्या हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे, चाहे वे जितना भी प्रयास कर लें।" एग्जिट पोल के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि वे इन कवायदों से रोमांचित नहीं हैं । उन्होंने कहा, "एग्जिट पोल गलत भी हो सकते हैं और सही भी । जब बक्से खुलेंगे और वोटों की गिनती होगी, तब ही सच्चाई सामने आएगी । हमें उम्मीद है कि गठबंधन एक स्थिर सरकार बनाएगा । हम यही चाहते हैं ।"
केंद्र पर साधा निशाना
वहीं नई सरकार से लोगों की उम्मीदों के बारे में उन्होंने कहा कि उम्मीदें इतनी अधिक हैं कि "केवल भगवान ही जानता है कि नया सीएम सो भी पाएगा या नहीं ।" अब्दुल्ला ने जम्मू की अनदेखी करने के लिए भाजपा नीत केंद्र पर भी निशाना साधा । उन्होंने कहा, "मैं अभी जम्मू से वापस आया हूं, मैंने जम्मू की खस्ता हालत देखी है। मैंने वहां खराब सड़कें देखी हैं, उनके पास स्ट्रीट लाइट नहीं हैं और फिर वे (भाजपा) सोचते हैं कि जम्मू उनकी जेब में है। जम्मू के लोगों को समझना चाहिए कि उन्हें कहां ले जाया गया है। वे हमें गाली देते थे कि एनसी सरकार ने जम्मू के साथ भेदभाव किया है। आज, उनके लोग दिल्ली में बैठे हैं। वे जम्मू को कैसे भूल गए?"